रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। इसीलिए इनके विसर्जन को लेकर ध्यान रखें. • रोली, कपूर, चंदन तथा गोरोचन समान मात्रा में मिलाकर गंगाजल में घोंटकर तिलक लगाने से देखने वाले व्यक्ति वशीभूत होते हैं। ‘‘ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।’’ kya aapako Vashikaran Karne Ke Upay aur https://www.youtube.com/@Mahavidyabaglamukhi