वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं । हनुमान चालीसा लिरिक्स कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती करत अंजना माई ॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ कंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥ Bhima, humbled, recognized that the frail monkey was https://griffinhudnr.ampblogs.com/helping-the-others-realize-the-advantages-of-hanuman-aarti-69489246