ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ काशी में जाके विराजे देखो तीनो लोक के स्वामी जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ श्री शिवजी की https://r91234.evawiki.com/9112935/the_smart_trick_of_shiv_chalisa_in_hindi_that_nobody_is_discussing