इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं। उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। शालिग्राम को स्थापित करने से पूर्व इसे गंगाजल अथवा कच्चे दूध में डालकर इसे शुद्ध करें। शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) https://ryszardw074gdy6.blogdeazar.com/profile